यंगवार्ता न्यूज़ - शिलाई 28-10-2020
इंद्री−यमुनानगर सड़क हादसे ने फिर तीन युवाओं की जान लील ली है, गाड़ी नम्बर एचपी 85−2439 हिमाचल (सिरमौर) के शिलाई से नगदी फसल टमाटर को लेकर दिल्ली नरेला सब्जी मंडी के लिए रवाना हुई थी जिसमे चालक के साथ तीन किसान अपनी फसल लेकर सवार थे।
सुबह लगभग 5 बजे के करीब इंद्री के समीप रम्भा थाना के अंतर्गत पहुचते ही गाडी का टायर पंचर हो गया, चालक अनुराग (28) के साथ किसान अनिल (24), नीटू (24), व योगराज (14) सहायता के लिए गाड़ी को साइड लगाकर उतरे थे। दो व्यक्ति टायर खोल रहे थे जबकि एक मोबाईल से टार्च लगा रहा था जबकि नीटू शोच करने गाड़ी से थोडा दूर गया हुआ था।
उसी समय रेत से भरा ट्राला नम्बर एचआर 69−6729 लगभग 150 की स्पीड से अनयंत्रित होकर आया तथा तीनों लोगों को गाडी गाडी को घसीटता हुआ सड़क के किनारे से लगभग 200 मीटर आगे लेकर गया, दर्दनाक हादसे में अनुराग, योगराज, व अनिल की मौका पर हीमौत हो गई है, अनुराग विकास खण्ड शिलाई के गावं पन्दोग का रहने वाला था , जबकि योगराज व अनिल गावं भटनोल के निवासी थे हादसे की सुचना मिलने के बाद समूचे क्षेत्र में शोक का माहोल है , गौर हो कि नगदी फसलें लेकर मण्डी जाने वाली यह पहली गाडी नही है जिसको बेरहमी से कुचल दिया गया हो, इससे पहले कई परिवारों के सुहाग उजड़ चुके है, दर्जनों परिवारों के चिराग बुझ गए है, कई हादसों ने परिवार के वंश ही खत्म कर दिए है लेकिन सरकारें हादसों से कोई सीख लेती नजर नही आती है, सबसे अधिक हादसों का असर जिला सिरमोर को हुआ है।
दिल्ली सहित अन्य बड़ी मंडियों तक नगदी फसलें पहुचाने का जिला के लोगों के लिए मार्ग है! इस हादसे से हिमाचल व हरियाणा सरकार कितनी सतर्क होती है यह हादसे पर होने वाली कार्यवाही ही बता पाएगी। इंद्री−यमुनानगर राज्य मार्ग की हालत बेहद दयनीय है खस्ताहाल सड़क पर नशा करके ट्राले चलाने वाले नोसीखियाँ चालकों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है अवैध खनन कर रेत, बजरी पहुचाने वाले लोगों पर सरकार की अनदेखी हिमाचल के किसानो व चालकों पर भारी पड़ रही है।
शिलाई क्षेत्र के किसानो में इन्दर ठाकुर, दलीप ठाकुर, राजेन्द्र सिंह, मोहन सिंह, उदय राम, कँवर सिंह, सहित दर्दनाक हादसे में अपने चिराग खो चुके परिजनों ने हरियाण, व हिमाचल सरकार से मांग की है कि बेतरतीव चालकों पर कार्रवाही करके शिकंजा कसना जरुरी है अन्यथा उनके बच्चों की तरह हर बार बेकसूर मारे जाते है यह पहला मामला नहीं है बल्कि हिमाचल हर वर्ष दर्जनों युवाओं की लाशें हरियाणा से ला रहा है। दोनों ही सरकारें ऐसे हादसों को रोकने के लिए हरसम्भव प्रयासकर कार्रवाही अमल में लाए।