निजी बसों के चालक-परिचालकों को चार महीने से नहीं मिला वेतन , मांगो को लेकर निदेशक परिवहन को सौंपा ज्ञापन
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 04-07-2020
लॉकडाउन के चलते चार महीनों से प्राइवेट बसों के चालकों-परिचालकों को कुछ बस ऑपरेटरों ने वेतन नहीं दिया है। चालक-परिचालक ऑपरेटर से वेतन मांगते हैं तो उन्हें काम से निकालने की धमकियां दी जा रही हैं। प्रदेश भर से आए प्राइवेट बस चालक-परिचालक यूनियनों के पदाधिकारियों ने शनिवार को परिवहन विभाग के निदेशक से मुलाकात कर उन्हें बस ऑपरेटरों की मनमानी की जानकारी दी।
प्राइवेट मिनी बस ड्राइवर-कंडक्टर यूनियन शिमला के प्रधान रूपलाल ठाकुर और मुख्य सलाहकार विकास राणा ने बताया कि परिवहन निदेशक को मांगों से अवगत करवाया है। चालकों-परिचालकों ने राज्य स्तरीय यूनियन के गठन की योजना भी बनाई है।
प्रदेश के करीब दस हजार चालक-परिचालक और बस मुंशियों को एक मंच पर इकट्ठा करने की कोशिश की जा रही है। चालकों-परिचालकों की मांगों को लेकर जल्द यूनियन का प्रतिनिधिमंडल परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर से मिलेगा।
चालक-परिचालक यूनियन सोलन से बलवंत सिंह, नालागढ़ से बबलू, हमीरपुर से रोशन लाल, कांगड़ा से राजेश कुमार और मंडी से सुनील कुमार सहित अन्य जिलों की यूनियनों के पदाधिकारी, प्राइवेट मिनी बस ड्राइवर कंडक्टर यूनियन शिमला के अध्यक्ष संजय ठाकुर, महासचिव अखिल गुप्ता, उपाध्यक्ष पीयूष वर्मा, सदस्य राकेश नेगी, यशपाल ठाकुर, जितेंद्र ठाकुर, राम कुमार, राज कुमार, ललित पुरी, अनिल ठाकुर, चुन्नीलाल और रोशन ठाकुर सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे। इस मोके पर प्राइवेट बस चालकों-परिचालकों ने मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा।
उन्होंने मांग की कि उन्हें 8 घंटे के कार्य दिवस के लिए 16500 वेतन देना ,अतिरिक्त काम पर ओवरटाइम का भुगतान करें , साप्ताहिक अवकाश निर्धारित किए जाएं, ईपीएफ और एएसआई की सुविधाएं दें।
एचआरटीसी और प्राइवेट बसों का ज्वाइंट टाइम टेबल बने , सरकार की ओर से 7500 रुपये आर्थिक दिलाएं , पीपीई किट, ग्लब्ज और सैनिटाइजर उपलब्ध करवाएं साथ ही ड्राइवर-कंडक्टरों का 50 लाख का स्वास्थ्य बीमा करवाया जाए।