प्रदेश में पहली बार 18 लाख मीट्रिक टन के पार पहुंचा सब्जियों की पैदावार का ग्राफ

प्रदेश में पहली बार 18 लाख मीट्रिक टन के पार पहुंचा सब्जियों की पैदावार का ग्राफ

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   11-03-2021

प्रदेश ने सब्जी उत्पादन में नया मुकाम हासिल किया है और पहली बार सब्जियों की पैदावार का ग्राफ 18 लाख मीट्रिक टन के आंकड़े को पार कर गया है।

बेमौसमी सब्जी को दी जा रही प्राथमिकता के बीच 1951-52 में दो सौ हजार टन से बढ़कर सब्जी के उत्पादन का आंकड़ा 2019-20 में 1860.67 हजार मीट्रिक टन तक जा पहुंचा है, जो कि 2018-19 के 1722.14 हजार मीट्रिक टन के मुकाबले भी करीब 138 हजार मीट्रिक टन ज्यादा है। 

जानकारी के अनुसार इस समय प्रदेश में करीब 80 हजार हेक्टेयर भूमि पर सब्जी उत्पादन किया जा रहा है और सब्जी उत्पादन की सालाना आय चार हजार करोड़ रुपए के आसपास है। 

प्रदेश की अहम फसल मक्की का उत्पादन इस दौरान 67.30 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर 762 हजार मीट्रिक टन पहुंच गया है और यह 2018-19 की तुलना में भी करीब 32 हजार मीट्रिक टन अधिक रहा है।

इन सात दशकों में धान का उत्पादन 28.3 हजार मीट्रिक टन के मुकाबले 135.20 हजार मीट्रिक टन के आंकड़े को छू गया है।

गेहूं उत्पादन में भी प्रदेश के किसानों ने कोई कमी नहीं छोड़ी है और 1951-52 में हुए 61.20 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर 672 हजार मीट्रिक टन तक पहंचा दिया गया है। 

वहीं, इस अवधि में आलू उत्पादन 1.60 हजार टन से 196.30 हजार मीट्रिक टन पहुंच गया है। सात दशक के अंतराल में किसानों की मेहनत, नवीनतम तकनीकों के प्रयोग और सरकारी नीतियों के चलते खाद्यान्न व सब्जी उत्पादन में प्रदेष हर साल आगे बढ़ रहा है।

केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेकर किसान उत्पादन को नए स्तर पर ले जा रहे हैं।

प्रदेश में जहां किसानों को अनेक तरह की प्राकृतिक आपदाओं से जूझना पड़ता है, वहीं प्रकृति ने प्रदेश में भिन्न-भिन्न ऊंचाइयों पर पाए जाने वाली जलवायु को सब्जी उत्पादन हेतु अनुकूल बनाया है। 

वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादित सब्जियां अधिक अनुकूल मौसम होने के कारण ज्यादा पौष्टिक व स्वादिष्ट पाई गई हैं।

प्रदेश की कृषि जलवायु समशीतोष्ण सब्जियों तथा उनके बीजों के उत्पादन के लिये अति अनुकूल है। बेमौसमी सब्जी उत्पादन में प्रदेश अग्रणी राज्यों में पहुंच चुका है।