प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना से राजगढ के किसान उगा रही है नकदी फसले 

प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना से राजगढ के किसान उगा रही है नकदी फसले 

यंगवार्ता न्यूज़ - राजगढ़  27-08-2021


हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के भू-संरक्षण उपमण्डल राजगढ़ के अन्तर्गत ग्राम पंचायत चमेंजी के गावं टिपरिया में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से  किसानो की आर्थिक दशा मे सुधार हो रहा है।

टिपरिया के किसानों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। इस गांव के किसानों द्वारा मुख्यतः खाद्यान्न गेहूँ मक्की आदि के साथ कुछ मात्रा मे सब्जियों का उत्पादन किया जाता था।

वर्ष 2019 तक गांव में मौजूद कूहल से नकदी फसलों में पाईपों द्वारा सिंचाई की जाती थी परन्तु समय पर फसलो के लिए पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होता था जिस कारण सब्जियां कम क्षेत्र में ही उगाई जाती थी।

इस समस्या के चलते गांव के कुछ किसानों ने कृषि विभाग के भू-संरक्षण कार्यालय राजगढ़ में  सम्पर्क किया। विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पाया कि उपरोक्त गावं में एक पुरानी कुहल है जिसमे जल स्त्रोत से पानी लगातार बहता है, जब सभी किसान लगातार बह रहे पानी से सिंचाई करते थे तो यह पानी प्रति किसान बहुत कम उपलब्ध होता था।

कई बार इसी वजह से किसानों में पानी के बंटवारे को लेकर आपस  में कहासुनी भी हो जाती थी और जब सिंचाई का समय निकल जाता था तो यह पानी व्यर्थ  में बहता था।

इस को देखते हुए  विभाग के अधिकारियों ने किसानों का समूह बनाकर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत सामुदायिक जल भण्डारण टैंक के निर्माण के बारे में विस्तृत जानकारी दी ताकि कुहल से व्यर्थ बहते हुए पानी का जल भण्डारण करके समय-समय पर सिंचाई कार्यो में इस्तेमाल किया जा सके।

इसके लिए किसान विकास संघ टिपरिया का गठन करके संजीव तोमर को सर्वसम्मति से प्रधान मनोनीत किया। सारी कार्यवाही के बाद विभाग द्वारा सामूहिक टैंक निर्माण के कार्यान्वयन की स्वीकृति प्रदान की गई।

विभाग व कृषक विकास संघ समूह के सदस्यों की देखरेख में एक जल भंडारण टैंक का निर्माण किया गया। इस योजना पर कुल 285000 रुपये खर्च किये गये जो कि विभाग द्वारा शत प्रतिशत अनुदान पर योजना पर व्यय किया गया। इस टैंक की कुल जल भण्डारण क्षमता 60000 लीटर है। जिससे अब कुल 3.29 हेक्टेयर भूमि सिंचित की जाती है।

योजना से पहले प्रत्येक किसान परम्परागत खाद्यान्न फसलें जैसे मक्की, दालेें तथा बरसाती मौसमी सब्जियां जैसे टमाटर, फ्रांसबीन, शिमला मिर्च, व अदरक का औसतन 3-4 बीघा में उत्पादन करता था लेकिन अब प्रत्येक किसान खाद्यान्न व सब्जियों का औसतन 6-7 बीघा में उत्पादन कर रहा है परिणामस्वरूप उत्पादन में परिवर्तन के साथ साथ किसानों की वार्षिक आय में भी तुलनात्मक वृद्धि हो रही है।

किसानों के अनुसार अब प्रति किसान की औसतन वार्षिक आय  6,50,000 रुपये से 7,50,000 रुपये तक हो गई है जो कि पहले 3 से 3.50 लाख रुपये तक थी। सभी किसान योजना से लाभ उठा रहे है।

किसानों का मानना है कि उपमण्डलीय भू-संरक्षण कार्यालय राजगढ़ द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत निर्मित सामुदायिक जल भण्डारण संरचना (टैंक) टिपरिया कृषक समूह के लिए वरदान साबित हो रही है।