फल और सब्जियां बेचने के लिए मजबूर हो गए टैक्सी ऑपरेटर

फल और सब्जियां बेचने के लिए मजबूर हो गए टैक्सी ऑपरेटर
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  25-05-2021
 
 कोरोना कर्फ्यू के चलते प्रदेश में लगी बंदिशों के कारण टैक्सी ऑपरेटरों को परिवार पाना मुश्किल हो गया है। कमाई न होने के कारण शिमला के एक टैक्सी ऑपरेटर सचिन ने सोमवार को बालूगंज में अपनी गाड़ी के भीतर ही फल बेचने शुरू कर दिए।
 
सुबह 10 बजे सचिन ने बालूगंज बस स्टॉप के पास गाड़ी खड़ी कर केला, खरबूजा और आम बेचना शुरू किया। 11:30 बजे बालूगंज थाने से पुलिसकर्मी गाड़ी के पास आए और चालान करने के लिए धमकाने लगे। इसके बाद 12 बजे टैक्सी चालक को गाड़ी हटानी पड़ी। 
 
सचिन ने बताया कि वह 7 साल से टैक्सी चला रहे हैं। कोरोना कर्फ्यू के कारण कोई काम नहीं है। कालका में उनके परिचित टैक्सी ऑपरेटर इनोवा गाड़ी में फ्रूट और सब्जी बेच रहे हैं। इनकी देखा देखी में परिवार पालने के लिए टैक्सी में फ्रूट और सब्जी बेचने का फैसला लिया है।
 
सचिन ने बताया कि उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो छोटे बच्चे हैं। 2019 में गाड़ी ली थी, दूसरा साल है कोरोना की वजह से काम खत्म हो गया है। गाड़ी की 10000 की किस्त है और 25000 इंश्योरेंस का खर्चा है। गाड़ी को सड़क पर निकालते हैं तो पुलिस बेवजह चालान कर देती है। लोगों की गाड़ियां चलाकर थोड़ा-थोड़ा पैसा इकट्ठा कर बड़े शौक से अपनी गाड़ी ली थी लेकिन अब यह हालात है कि गाड़ी बेचने का मन कर रहा है।
 
दिल्ली के अलावा कई सरकारें टैक्सी ऑपरेटरों को परिवार पालने के लिए खर्चा दे रही हैं। प्रदेश सरकार को भी कुछ न कुछ मदद करनी चाहिए। देवभूमि ऑल हिमाचल टैक्सी ऑपरेटर एसोसिएशन के संस्थापक नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि मौजूदा समय में टैक्सी ऑपरेटरों के लिए परिवार पालना मुश्किल हो गया है।
 
कई टैक्सी ऑपरेटरों के पास तो राशन तक के लिए पैसा नहीं है। ऐसे में प्रदेश सरकार को तुरंत टैक्सियों की किस्तें और टैक्स बिना ब्याज के आगे बढ़ाने के निर्देश जारी कर टैक्सी ऑपरेटरों की वित्तीय मदद का ऐलान करना चाहिए।