बीमारी को हलके में लेने की गलती न करें लोग , कोरोना से जंग जीतकर लौटे दंपती की सलाह 

बीमारी को हलके में लेने की गलती न करें लोग , कोरोना से जंग जीतकर लौटे दंपती की सलाह 

यंगवार्ता न्यूज- शिमला   01-10-2020

कवयित्री, लेखिका एवं अध्यापिका इंदु भारद्वाज और उनके पति नवनीत भारद्वाज ने कहा कि लोग कोरोना को हल्के में न लें। कुल्लू के रहने वाले यह दोनों कुछ दिन पहले ही कोरोना की चपेट में आ गए थे और अब कोरोना से जंग जीत कर घर लौटे हैं। 

नवनीत पेशे से मंच संचालक, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कुल्लू नाट्य दल के नैमेतिक कलाकार और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के स्कोरर हैं। दोनों ने अमर उजाला से संपर्क साधकर अपने अनुभव को साझा किया। 

नवनीत और इंदु ने बताया कि कोरोना के इस दौर को वह आजीवन नहीं भूल पाएंगे। बताया कि लोग कोरोना को हल्के में लेने की गलती कभी न करें। शरीर में इस बीमारी से संबंधित कोई भी लक्षण हो तो उन्हें नजरअंदाज न करें और सीधे सरकारी अस्पताल जाकर डॉक्टर से सलाह मशविरा करें और उचित सहायता प्राप्त करें। 

इंदु भारद्वाज ने कहा कि हमने जो इसके लक्षणों को अनुभव किया, उनमें सबसे पहले गले में तकलीफ होना शुरू हुई। इसके बाद नजले की समस्या हो गई फिर धीरे-धीरे सिर भारी होने लग गया। खांसी हुई और पाचनतंत्र में समस्या, चक्कर, कमजोरी, आंखों में भारीपन सिर-दर्द और सांस की समस्या शुरू हो गई।

 लक्षण बढ़ते जा रहे थे। दवाई लेने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। फिर टेस्ट करवाने के लिए मानसिक रूप से स्वयं को तैयार किया और चुनौती स्वीकार की। टेस्ट पॉजिटिव आने पर नैतिक दायित्व समझते हुए हमने सोशल मीडिया पर जाने अनजाने में हम से संपर्क में आए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जिससे चेन को तोड़ा जा सके। 

कुल्लू कोविड सेंटर की बात करें तो वहां बेहतरीन सुविधाएं दी जा रही हैं। यहां डॉक्टरों और अन्य स्टाफ का उन्हें बहुत भावनात्मक संबल मिला। कोविड केयर सेंटर में बिताए दस दिन का सफर सबसे चुनौतीपूर्ण था। एक तरफ शरीर बीमारी से जूझ रहा था वहीं दूसरी तरफ अपना और परिवार का मानसिक संबल बनाए रखने की भी चुनौती थी। घर में दो बच्चे थे हालांकि वह स्वस्थ थे।