राजधानी शिमला में नवरात्र के लिए मंदिरों की तैयारियां शुरू
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 01-04-2022
चैत्र नवरात्र दो अप्रैल से शुरू हो रहे हैं। ऐसे में नवरात्र के लिए राजधानी शिमला सहित जिले के मंदिरों को विशेष तौर पर सजाया जा रहा है। शिमला के कालीबाड़ी व तारादेवी मंदिर सहित ऊपरी शिमला के हाटकोटी और रामपुर के भीमाकाली मंदिर में भी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
मंदिरों को रंग-बिरंगी झालर से सजाया जा रहा है। वहीं इस साल कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के दो साल बाद मंदिरों में भंडारे भी लगेंगे। दो साल से कोरोना बंदिशों के चलते मंदिरों में भंडारों पर रोक लगाई गई थी।
नवरात्र का हिदू धर्म में विशेष महत्व होता है और मां के उपासक श्रद्धा के साथ देवी की पूजा-अर्चना करते हैं। इन दिनों में लोग अपने घर में देवी मां की स्थापना करते हैं और नौ दिन तक विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते परिवार के कल्याण की प्रार्थना करते हैं। वहीं साधक नवरात्र के नौ दिन तक देवी मां की उपासना करते हैं। चैत्र नवरात्र से शुरू होता है नववर्ष
नवरात्र में चैत्र नवरात्र का अलग महत्व होता है। इस दिन से हिदी नववर्ष की भी शुरुआत होती है, जिसके चलते लोग चैत्र नवरात्र में देवी पूजन करने के साथ ही घरों में विभिन्न तरह के आयोजन भी करते हैं। लोग अपने घर को सजाने के साथ ही हिदी नववर्ष का स्वागत करते हैं।
नवरात्र के दौरान मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया जा रहा है। सुबह और शाम के समय रूटीन आरती होगी। मंदिर में नवरात्र के दिनों में सुबह से ही भीड़ देखने को मिलती है। कालीबाड़ी मंदिर के पास नवरात्र के लिए विभिन्न प्रकार की पूजन सामग्री दुकानदारों ने रखवा ली है।
इसमें देवी मूर्तियों के अलावा उनके पूजन में प्रयोग होने वाले नारियल, चुनरी, हवन सामग्री, लकड़ी, पान, सुपारी, कपूर, रोली, कलश शामिल हैं। त्योहारी सीजन से दुकानदार खुश कोरोना काल के कारण दो साल से मंदिरों में नवरात्र के दौरान बाहर दुकान सजाने की मनाही थी।
ऐसे में छोटे दुकानदारों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा था। इस बार कोरोना के मामले कम होने के कारण कालीबाड़ी मंदिर के बाहर बैठने की अनुमति मिलने से दुकानदारों के चेहरों पर रौनक लौट आई है। त्योहारी सीजन में खरीदारी होने से उनकी दुकानदारी चलती है।