यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 14-09-2021
राज्य की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 17 सितंबर को होने वाले विशेष सत्र को यादगार बनाने के लिए विधानसभा सचिवालय ने पूरी ताकत झोंक दी है।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने मंगलवार को विधानसभा सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 17 सितंबर को सुबह 11:00 बजे विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे।
राज्य की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले 51 कार्यक्रमों में से एक विशेष सत्र को यादगार बनाने के लिए विधानसभा के तमाम पूर्व सदस्यों को सत्र में बुलाया गया है।
सत्र के सफल आयोजन के लिए बुधवार को विधानसभा में एक सर्वदलीय बैठक भी आयोजित होगी। पूर्व मुख्यमंत्रियों शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल समेत कुल 93 पूर्व विधायकों ने सत्र में आने की पुष्टि की है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना ने प्रदेश के स्वर्णिम वर्ष के कार्यक्रमों में विघ्न डाला है लेकिन इसके बावजूद प्रदेश सरकार इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान खासकर हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार को याद किया जाएगा।
हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व का दर्जा हासिल करने में जिन-जिन लोगों का योगदान रहा है, यह सत्र पूरी तरह से उनको समर्पित होगा। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी भी शामिल हैं। परमार ने कहा कि विशेष सत्र के दौरान कोरोना एसओपी का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
सत्र में आगंतुकों को आने की अनुमति नहीं होगी। राष्ट्रपति की सुरक्षा के मद्देनजर विधानसभा में उनके आसपास रहने वाले सचिवालय के 96 अधिकारियों और कर्मचारियों का आरटी पीसीआर टेस्ट अनिवार्य किया गया है।
परमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र के तुरंत बाद विधानसभा परिसर में ही पूर्व विधायकों का सम्मान समारोह होगा। इस समारोह में पूर्व विधायक हिमाचल के निर्माण में अपने अनुभवों को भी साझा करेंगे।
इस मौके पर राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर एक पुस्तक ‘हूज हू’ का विमोचन भी करेंगे जिसमें सभी पूर्व व वर्तमान सदस्यों का ब्योरा होगा।
विधानसभा के विशेष सत्र में प्रदेश के 12 सांसद और पूर्व सांसद हिस्सा लेंगे। इनमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश विधानसभा में राष्ट्रपति का यह तीसरा संबोधन होगा।
इससे पहले वर्ष 2003 में एपीजे अब्दुल कलाम और वर्ष 2013 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित कर चुके हैं। सदन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ राज्यपाल, मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भी रहेंगे।
ये सभी राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे। जिन पूर्व मुख्यमंत्री व हिमाचल के निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार का हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने में अहम योगदान रहा है, उनके परिवार को पूर्ण राज्यत्व के 50 साल होने पर आयोजित हो रहे कार्यक्रम के दौरान नहीं बुलाया जाएगा।
खास बात यह है कि विशेष सत्र में परमार के हिमाचल के लिए विजन का गुणगान तो होगा लेकिन उनके परिवार को ही इस सत्र में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि सत्र के लिए सिर्फ मौजूदा और पूर्व विधायकों को ही बुलाया गया है।