सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए सरकार करवा रही महाक्विज , बेवजह लुटा रही सरकारी खजाना : मुकेश

हिमाचल प्रदेश में महाक्विज कार्यक्रम को लेकर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने जयराम सरकार को घेरा है। ऊना के परिधि गृह में पत्रकार वार्ता में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री महा क्विज के आयोजन को लेकर राज्य सरकार पर जमकर बरसे

सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए सरकार करवा रही महाक्विज , बेवजह लुटा रही सरकारी खजाना : मुकेश


यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना  27-05-2022


हिमाचल प्रदेश में महाक्विज कार्यक्रम को लेकर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने जयराम सरकार को घेरा है। ऊना के परिधि गृह में पत्रकार वार्ता में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री महा क्विज के आयोजन को लेकर राज्य सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष में भाजपा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए सरकारी कोष को जमकर लुटा रही है। 

 

 
उन्होंने कहा कि महा क्विज कार्यक्रम में भाग लेने के लिए एक हजार प्रतिभागियों को एक-एक हजार रुपए तथा इसके अलावा लाखों रुपए के नकद पुरस्कार रखे गए हैं, जबकि इसमें सरकार की वाहवाही करने वाले सवालों को पूछ कार्यक्रम की साख पर ही बट्टा लगाया जा रहा है। मुकेश अग्निहोत्री ने पत्रकार वार्ता के दौरान 16 प्रश्नों की बौछार सरकार पर करते हुए सीएम से उनके जवाब मांगे है। 
 
 
उन्होंने कहा कि महा क्विज में प्रश्न यह होना चाहिए कि ऐसी कौन सी सरकार है, जिसके कार्यकाल में पुलिस पर्चा लीक हुआ, सौदा हुआ व कौन सी सरकार थी, जो इसका पता भी नहीं लगा पाई। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अगला प्रश्न यह होना चाहिए कि वह कौन सी सरकार थी, जिसके कार्यकाल में प्रदेश 85 हजार करोड़ के कर्ज के बोझ तले डूब गया। वहीं, किस डबल इंजन वाली प्रदेश सरकार को दिल्ली दरबार से फूटी कौड़ी मदद नहीं मिली।
 
 
 किसने सत्ता में आने से पहले प्रदेश में 65 हजार करोड़ के 69 एनएच बनाने के सपने दिखाए व एक इंच निर्माण न करवा पाए। नेता प्रतिपक्ष बोले, सवाल तो यह भी बनता है कि कौन सी सरकार है, जो ऊना-हमीरपुर रेल लाइन के लिए प्रदेश के हिस्से से एक रुपया तक नहीं दे पाई।
 
 
 उन्होंने कहा कि किस सरकार के कार्यकाल में घरेलू रसोई गैस की कीमत 1100 रुपए पहुंच गई, जबकि पेट्रोल व डीजल 100 रूपए प्रति लीटर को छू गया। कोविड में किस पार्टी के अध्यक्ष को भ्रष्टाचार के चलते इस्तीफा देना पड़ा, वहीं हेल्थ मिनिस्टर को पद से हटना पड़ा। प्रश्न तो यह बनता है कि कौन से मुख्यमंत्री ने फिजूलखर्ची को बढ़ावा दिया।