यंगवार्ता न्यूज़ - शिलाई 05-01-2022
प्रदेश में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगना कोई नई बात नही है, पुलिस कर्मियों द्वारा रिश्वत व खर्चे के नाम पर पैसा ऐठने वाली खबरे अक्सर जनता की सोच बदल देती है, ताजा मामला शिलाई पुलिस थाना के अंतर्गत आने वाली पुलिस चौकी रोनहाट का सामने आया है, जहां पुलिस के एएसआई द्वारा खर्चे के नाम पर हजारों रुपए लेने के संगीन आरोप लगे है।
मामले की शिकायत सिरमौर पुलिस अधीक्षक को व्हाटअप के माध्यम से दी गई है, जिसमे सिरमौर पुलिस ने जांच का जिम्मा डीएसपी पावटा साहिब को सौंपा है। जानकारी के मुताबिक बीते दिसंबर माह में रोनहाट कस्बे से दो नाबालिग छात्राएं गायब हो गई थी, जिसकी शिकायत परिजनों ने रोनहाट चौकी में करके न्याय की गुहार लगाई थी।
पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद जांच शुरू की। स्कूल, रिश्तेदारी व अन्य जगहों पर खोजने के बाद पुलिस ने अगले ही दिन दोनो छात्राओं को पांवटा साहिब से बरामद करके परिजनों को सौंपा था।
आरोप यह है कि छात्राओं को ढूंढने के लिए जाने वाली पुलिस के एएसआई ने परिजनों से गाड़ी का खर्चा लिया गया। पुलिस अधीक्षक को लिखी शिकायत के मुताबिक चौकी प्रभारी ज्ञान चंद पर लगभग 12 हजार रुपए से अधिक धनराशि , पुलिस खर्चे के नाम पर लेने के आरोप लगाए गए है और कार्रवाई की मांग की गई है, हालांकि शिकायतकर्ता ने शिकायत भेजने के बाद पुलिस अधीक्षक से शिकायत वापिस लेने की बात कही है, और मामले में कोई भी जांच न करवाने की बात कही गई है, बावजूद उसके संबंधित कर्मचारी पर आरोपो के चलते विभागीय जांच बैठाई गई है।
गौर हो कि पुलिस व्यवस्था पर विश्वास हुए लोग पुलिस के पास सहायता के लिए पहुंचते है। लेकिन न्याय व सहायता मिलनी तो दूर मामला उल्टा नजर आ रहा है। अब विभागीय जांच में पता चलेगा कि उक्त एएसआई पर लगे आरोपों में कितनी सच्चाई है।
इस बारे में यंगवार्ता ने जब पुलिस अधीक्षक सिरमौर ओमपति जमवाल से बात की तो उन्होंने बताया की पुलिस को व्हाट्सएप के माध्यम से एक शिकायत मिली है , जिस पर जांच की जा रही है। उन्होंने कहा की भले ही अगले ही दिन शिकायतकर्ता शिकायत वापिस लेने की बात कही बावजूद इसके भी मामले की जांच की जा है। उधर यंगवार्ता ने जब उक्त एएसआई से बात की तो उन्होंने आरोपों को निराधार करार दिया।