साहिबज़ादा अजीत सिंह के 335वें जन्मदिवस पर शहर में निकाला भव्य नगर कीर्तन

गुरु की नगरी पांवटा साहिब में श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के बड़े पुत्र साहिबज़ादा अजीत सिंह के 335वें जन्मदिवस पर वीरवार को भव्य नगर कीर्तन शहर में निकाला गया

साहिबज़ादा अजीत सिंह के 335वें जन्मदिवस पर शहर में निकाला भव्य नगर कीर्तन
साहिबज़ादा अजीत सिंह के 335वें जन्मदिवस पर शहर में निकाला भव्य नगर कीर्तन
 
यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब  10-02-2022
 
गुरु की नगरी पांवटा साहिब में श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के बड़े पुत्र साहिबज़ादा अजीत सिंह के 335वें जन्मदिवस पर वीरवार को भव्य नगर कीर्तन शहर में निकाला गया। यह भव्य नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री भंगानी साहिब से गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब पहुंचा और नगर कीर्तन में शामिल सभी गुरु भक्तों के लिए जगह जगह पर गुरु भक्तों द्वारा चाय व जलपान की व्यवस्था की गयी।
 
गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब के मैनेजर सरदार जगीर सिंह, मीत प्रधान जत्थेदार सरदार हरभजन सिंह, प्रबंधन कमेटी के सदस्य हरप्रीत सिंह, कर्मवीर सिंह व कोषाध्यक्ष गुरमीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरू नानक पातशाह की 10वीं ज्योत श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के बड़े पुत्र साहिबज़ादा अजीत सिंह का जन्म संवत् 1743 (देसी महीने माघ की 23 तरीख) मुताबक 26 जनवरी 1687 ई0 को हिमाचल प्रदेश के रमणीय स्थान पांवटा साहिब में हुआ था।
 
छोटी उम्र में बड़ी कुर्बानी के कारण सिख इतिहास उनका सम्मान बाबा अजीत सिंह के नाम से भी करता है। जब बाबा अजीत सिंह पांच महीने के हुए तो उस समय दसवें पातशाह श्री गुरू गोबिंद सिंह की पहाड़ी राजाओं से भंगानी के मैदान में घमासान लड़ाई लड़ी और इस लड़ाई में गुरू के साथीयों ने महान जीत हासिल की थी, जिसकी ख़ुशी के कारण साहिबजादे का नाम अजीत सिंह रखा गया और हर वर्ष साहिबजादे अजीत सिंह व भंगानी की लड़ाई की विजय की खुशी में यह नगर कीर्तन बड़े ही भव्य तरीके से निकाला जाता है।
 
बताते चले कि  गुरु भक्त गुरुद्वारा श्री भंगानी साहिब से लेकर गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब तक करीब 25 किलोमीटर का सफर पैदल चलकर आते हैं। वहीं प्रबंधक कमेटी गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब द्वारा नगर कीर्तन में सम्मिलित हुआ गुरु भक्तों के लिए अटूट लंगर गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब में चलाया जाता है।