यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 30-11-2020
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा के दावे हवा साबित हो रहे हैं। प्रदेश के 1632 प्राइमरी और मिडिल स्कूल एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं। पहली से पांचवीं कक्षा के स्कूलों के हालात सबसे खराब हैं। 1543 प्राइमरी स्कूलों में सिर्फ एक-एक शिक्षक पांच कक्षाओं को पढ़ा रहे हैं। 6844 प्राइमरी स्कूलों में दो, 1622 में तीन और 544 स्कूलों में चार से छह शिक्षक शिक्षा दे रहे हैं। 89 मिडिल और दो सेकेंडरी स्कूल भी एक-एक शिक्षक के सहारे हैं।
छठी से आठवीं कक्षा के 363 मिडल स्कूलों में दो-दो शिक्षक, 703 स्कूलों में तीन-तीन शिक्षक हैं। यू डाइस की 2019-20 की रिपोर्ट ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की पोल खोली है। सरकारों की उपेक्षा के चलते विद्यार्थी तंगहाली में बैठकर भी पढ़ने को मजबूर हैं। वर्ष 2020 में कोरोना के चलते हालांकि मार्च से स्कूल बंद हैं, लेकिन सितंबर 2019 तक 694 स्कूल एक-एक कमरे और 3199 स्कूल दो-दो कमरों में चल रहे हैं। कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिले के स्कूलों में कमरों की भारी कमी है।
यू डाइस रिपोर्ट के अनुसार सूबे के 2921 प्राइमरी स्कूल दो-दो कमरों में चल रहे हैं। 428 प्राइमरी, 261 मिडल और पांच सेकेंडरी स्कूल तो एक-एक कमरे में खोले हैं। निजी स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ने वाला माहौल देने के लिए उचित कमरों की व्यवस्था होती है। खेल मैदान, बैठने के लिए अलग बेंच होता है, जबकि कई सरकारी प्राइमरी स्कूलों में तो पांच कक्षाएं ही एक-दो कमरों में लग रही हैं। सरकारी स्कूलों में घटती बच्चों की संख्या का यह भी बड़ा कारण है।
उधर, शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बताया है कि शिक्षकों की कमी नई भर्ती के जरिये दूर करने के प्रयास जारी हैं। सूबे में स्कूल खुलने तक शिक्षकों की कमी दूर कर देंगे। चंबा के तीन प्राइमरी स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं, सोलन जिला चंबा के तीन प्राइमरी स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है, जबकि जिला सोलन और सिरमौर के एक-एक प्राइमरी स्कूल में 11 से 15 शिक्षक भी हैं।
सात से दस शिक्षकों वाले प्रदेश में 27 प्राइमरी स्कूल भी हैं। इसमें सोलन में 11, सिरमौर में सात, शिमला और कुल्लू में दो-दो तथा बिलासपुर, किन्नौर, मंडी और ऊना में एक-एक स्कूल है। शहरी क्षेत्रों के नजदीक एडजस्टमेंट के चक्कर में इन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या इतनी अधिक है। मंडी, कांगड़ा और शिमला जिले में हालात सबसे खराब हैं। कांगड़ा में 82, मंडी में 75, शिमला में 72, चंबा में 59 और सिरमौर में 54 प्राइमरी स्कूल एक-एक कमरे में चल रहे हैं। बिलासपुर में 13, हमीरपुर में चार, किन्नौर में 11, कुल्लू में 17, लाहौल-स्पीति में 19, सोलन में 14 और ऊना में आठ स्कूल एक-एक कमरे में खुले हैं।
एक कमरे में चल रहे मिडल स्कूलों में मंडी में 48, कांगड़ा-सिरमौर में 46 और शिमला में 35 स्कूल हैं। चार से छह कमरों वाले 4344 और तीन कमरों वाले 5300 स्कूल हैं। तीन कमरों में चल रहे 4017 प्राइमरी, 1125 मिडल, 141 सेकेंडरी और 17 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। चार से छह कमरों वाले 3069 प्राइमरी, 304 मिडल, 689 सेकेंडरी और 282 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। सात से दस कमरों वाले 145 प्राइमरी, 15 मिडल, 72 सेकेंडरी और 957 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं।