किसी भी कर्मी को 3 वर्ष की अवधि के पश्चात सरकारी आवास में रहने की इजाजत न दी जाए : हाईकोर्ट 

किसी भी कर्मी को 3 वर्ष की अवधि के पश्चात सरकारी आवास में रहने की इजाजत न दी जाए : हाईकोर्ट 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    09-09-2020

हाईकोर्ट ने जेल व सुधारक सेवा विभाग को यह सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं कि वह सरकारी आवास आवंटित करने के लिए बनाए गए नियमों में कोई ढील न दें। किसी भी कर्मी को 3 वर्ष की अवधि के पश्चात सरकारी आवास में रहने की इजाजत न दी जाए। 

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की बेंच ने जेल वॉर्डर की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अवैध तरीके से सरकारी आवास को रखने वालों को सोचना चाहिए कि उनके ऐसा करने से दूसरे के अधिकार का हनन होता प्रार्थी ने 22 अगस्त 2020 को जारी विभाग के आदेश को चुनौती दी थी। 

विभाग ने 3 वर्ष की अवधि समाप्त होने के बाद उसे सरकारी आवास खाली करने के आदेश जारी किए थे। प्रार्थी 16 अप्रैल 2012 को जेल वार्डर के पद पर जिला जेल केथू में तैनात किया था।

12 अप्रैल 2017 को उसे सरकारी आवास आवंटित किया था। मगर प्रावधानों के अनुसार उसे 3 साल के बाद सरकारी आवास को खाली करना था। 

न्यायालय ने प्रार्थी की याचिका को प्रावधानों के विपरीत पाते हुए खारिज कर दिया। साथ ही प्रार्थी को यह आदेश जारी किए कि वह 13 सितंबर 2020 तक सरकारी आवास खाली कर दे।

वरना उसे ₹1000 प्रतिदिन के हिसाब से विभाग को पीनल रेंट के तौर पर अदा करना होगे। इसके अलावा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।