अंकुश की शहादत पर पूरा प्रदेश गमगीन , गांव में पार्थिव शरीर को देखते ही हर आंख हुई मन

अंकुश की शहादत पर पूरा प्रदेश गमगीन , गांव में पार्थिव शरीर को देखते ही हर आंख हुई मन

यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर 19-06-2020

भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप गलवां में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में शहीद भारतीय सेना के 20 जवानों में शामिल हिमाचल के हमीरपुर के अंकुश ठाकुर की पार्थिव देह शुक्रवार शाम पैतृक गांव पहुंची। शहीद की पार्थिव देह घर पहुंचते ही हर तरप चीख-पुकार का माहौल रहा। हर आंख नम हुई।

गांव अमर शहीद अंकुश ठाकुर और चीन मुर्दाबाद के नारों से गूंज उठा। वहीं, शहीद की पार्थिव देह घर पहुंचते ही छोटा भाई आदित्य बेहोश हो गया। आदित्य अभी 13 वर्ष का है और सातवीं कक्षा में पढ़ता है। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। लोगों में चीन के खिलाफ गुस्सा देखा गया।

अपने लाल को तिरंगे में लिपटा देख शहीद की माता और पिता बेसुध हो गए। परिजनों के आंसू नहीं रुख रहे। हालांकि, उन्हें देश के लिए अपनी जान देने वाले अपने बेटे पर गर्व है। इससे पहले सलौनी बाजार में शहीद की पार्थिव देह ले जा रही एंबुलेंस पर दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने पुष्प वर्षा कर सम्मान दिया।

बता दें लेह से शहीद की पार्थिव देह पहले हवाई मार्ग से चंडीगढ़ पहुंचाई गई। इसके बाद एंबुलेंस के जरिये हमीरपुर स्थित शहीद के पैतृक गांव पहुंचाई गई। बता दें लेह से शहीद की पार्थिव देह पहले हवाई मार्ग से चंडीगढ़ पहुंचाई गई। इसके बाद एंबुलेंस के जरिये हमीरपुर स्थित शहीद के पैतृक गांव पहुंचाई गई।

एसडीएम अमित शर्मा, एसपी अर्जित सेन ठाकुर शहीद के घर पर मौजूद रहे। पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर और विधायक कमलेश कुमारी समेत प्रशासनिक अधिकारी शहीद के घर पहुंचे । पैतृक गांव पहुंचने के बाद आज शहीद का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

सेना की टुकड़ी भी शहीद को सलामी देने पहुंची है। वहीं, यातायात को सुचारू रखने के लिए जगह-जगह पुलिस की तैनाती की गई है। बता दें शहीद अंकुश अपनी खुद की कमाई के पैसों से गांव में घर के लिए थोड़ी सी जमीन और लग्जरी कार खरीदना चाहते थे। इसका जिक्र वह हमेशा अपने माता-पिता से घर पर और फोन पर किया करता था।

परिवार वर्ष 2021 में अंकुश ठाकुर की शादी की तैयारियों में जुटा था। माता-पिता की शादी के 10 वर्ष बाद अंकुश ठाकुर के रूप में पहली संतान हुई थी। शादी के काफी समय बाद औलाद होने पर माता-पिता ने बड़े प्यार दुलार से बेटे की परवरिश की। पढ़ाया-लिखाया और जब वह 20 वर्ष का हुआ तो सेना में भर्ती हो गया।

अंकुश से छोटा बेटा आदित्य भी अपने भाई से उम्र में 10 वर्ष छोटा है। छोटा बेटा आदित्य अभी 13 वर्ष का है और सातवीं कक्षा में पढ़ता है। इसलिए माता-पिता को बड़े बेटे अंकुश ठाकुर के सेना में भर्ती होने के बाद बेटे की शादी की जल्दी थी।

शहीद की मां ऊषा देवी कहती हैं कि हम पति-पत्नी बुजुर्ग हो रहे हैं और छोटे बेटे की शादी को शायद हम रहें या ना रहें। इसलिए बड़े बेटे की शादी करना चाहते थे। लेकिन सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं। उधर, शहीद की पार्थिव देह ऊना पहुंचते ही लोगों ने भारत माता की जय और चीन मुर्दाबाद के नारे लगाए।

डीसी ऊना संदीप, एसपी कार्तिकेयन, सैनिक कल्याण बोर्ड के उप निदेशक सेवानिवृत मेजर रघुवीर समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शहीद की पार्थिव देह को सम्मान देने के लिए सड़क किनारे खड़े रहे।