आपदा की घड़ी में केंद्र सरकार ने की पूरी मदद , फिर भी राजनीति कर रही कांग्रेस : अनुराग ठाकुर 

केंद्र सरकार प्रदेश को आॢथक मदद दे रही है लेकिन प्रदेश के नेता केंद्र का आभार जताने की बजाय राजनीति करते हैं। ऐसे दुख की घड़ी में इससे ओछी राजनीति नहीं हो सकती है। मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र से अभी तक मदद न मिलने के बयान पर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह टिप्पणी

आपदा की घड़ी में केंद्र सरकार ने की पूरी मदद , फिर भी राजनीति कर रही कांग्रेस : अनुराग ठाकुर 
 
यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना  17-07-2023
 
केंद्र सरकार प्रदेश को आॢथक मदद दे रही है लेकिन प्रदेश के नेता केंद्र का आभार जताने की बजाय राजनीति करते हैं। ऐसे दुख की घड़ी में इससे ओछी राजनीति नहीं हो सकती है। मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र से अभी तक मदद न मिलने के बयान पर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह टिप्पणी की। केंद्रीय मंत्री सोमवार को बाढग़्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे थे और बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए घालुवाल-झलेड़ा पुल के निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ भाजपा नेता एवं विधायक सतपाल सिंह सत्ती, पूर्व कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर व पूर्व वाइस चेयरमैन राम कुमार सहित अन्य नेता भी मौजूद थे। 
 
 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहली किस्त के रूप में 180 करोड़ तो दूसरी किस्त के रूप में 181 करोड़ रुपए की राशि दी है। ज्यों ही आपदा आई तो केंद्र की एनडीआरएफ की 13 टुकडिय़ां हिमाचल भेजीं। आईएएफ के 2 हेलीकॉप्टर रेस्क्यू में लगाए गए। सैंकड़ों लोगों की जानें बचाई गईं। कई नेता भी इन्हीं हैलीकॉप्टरों में प्रवास करते देखे गए , लेकिन इसके लिए केंद्र का आभार प्रकट करने की बजाय राजनीति की जा रही है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ज्यों ही प्रदेश सरकार नुकसान की रिपोर्ट भेजेगी , केंद्रीय टीमें आएंगी और एक प्रक्रिया के तहत मदद की जानी है। 
 
 
अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस बार जिला ऊना को बाढ़ से इसलिए भी कम नुक्सान हुआ क्योंकि नदी का चैनेलाइजेशन किया गया था। पूर्व धूमल सरकार ने ही इस नदी का कई 100 करोड़ रुपए की राशि से चैनेलाइजेशन किया था। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा हिमाचल का पानी वापस लिए जाने के बयान पर कहा कि ऐसा बयान ही शर्म से पानी-पानी कर देता है। कुछ लोग ऊंचे पदों पर पहुंच जाते हैं , लेकिन अपनी पुरानी हरकतें नहीं छोड़ पाते हैं। 
 
 
यही हाल पंजाब के मुख्यमंत्री का है। आपदा के समय सभी को एक-दूसरे के साथ संबंध मजबूत करने चाहिए और साथ देना चाहिए , लेकिन दिल्ली व पंजाब में दोनों सीएम अपने सिर पर जिम्मेदारी लेने की बजाय दूसरे के सिर पर ठीकरा फोड़ने का काम कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने तो दिल्ली को डुबो दिया। आपदा प्रबंधन को लेकर केजरीवाल ने कोई कसरत नहीं की। उनका रवैया नकारात्मक रहा। कोई बैठक तक नहीं की। अब केवल राजनीति कर रहे हैं और दूसरी सरकारों पर आरोप लगाने का ही काम कर रहे हैं।