चेतावनी : जनजाति के मुद्दे पर जनता को गुमराह ना करें उद्योग मंत्री : हाटी समिति
जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय मुद्दे को लेकर उद्योग मंत्री द्वारा शिलाई निर्वाचन की जनता को गुमराह किया जा रहा है। यह बात पांवटा साहिब में आयोजित पत्रकार वार्ता में हाटी समिति के पांवटा यूनिट के अध्यक्ष ओपी चौहान ने कही
यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब 03-07-2023
जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय मुद्दे को लेकर उद्योग मंत्री द्वारा शिलाई निर्वाचन की जनता को गुमराह किया जा रहा है। यह बात पांवटा साहिब में आयोजित पत्रकार वार्ता में हाटी समिति के पांवटा यूनिट के अध्यक्ष ओपी चौहान ने कही ।
ओपी चौहान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मानसून सत्र में राज्यसभा में भी बिल पास हो जाएगा । उन्होंने कहा कि हषर्वर्धन चौहान लोगों को गुमराह करना बंद कर दें अन्यथा इसके उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे । हाटी समिति ने कहा कि हषर्वर्धन चौहान ने कभी नहीं चाहा कि जिला सिरमौर के गिरी पार क्षेत्र को जनजाति का दर्जा मिले ।
उन्होंने कहा कि हर्षवर्धन ने हमेशा ही वोट की राजनीति की है , लेकिन इतने बड़े पद पर बैठकर उन्हें वोट की राजनीति करना शोभा नहीं देता है। हाटी समिति ने कहा कि उन्होंने जनजाति क्षेत्र के मुद्दे के नाम पर जनता को गुमराह किया इसके उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे ।
समिति का कहना है कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान भी हर्षवर्धन चौहान ने सरकार को गुमराह किया जिसके चलते तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हाटी मुद्दे को लेकर गलत रिपोर्ट केंद्र को भेजी ।
केंद्रीय हाटी समिति के उपाध्यक्ष सुरेंद्र हिंदुस्तान ने कहा कि जिस प्रकार निम्न स्तर की राजनीति उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान कर रहे हैं वह उन्हें शोभा नहीं देता है । सुरेंद्र हिंदुस्तानी ने कहा कि उद्योग मंत्री को पहले अपना सामान्य ज्ञान दुरुस्त करना होगा , क्योंकि उन्हें साधना और समाधि में भी फर्क नजर नहीं आ रहा है ।
हिंदुस्तानी ने बताया कि यदि हिमाचल प्रदेश की बात करते हैं तो प्रदेश में कुल जनसंख्या करीब 74 लाख के आसपास है । इसमे से अनुसूचित जाति की जनसंख्या 1729252 अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 392126 जबकि ओबीसी की आबादी 927452 है। उन्होंने कहा कि मंत्री को तथ्यों पर आधारित बात करनी चाहिए।
समिति का कहना है कि उद्योग मंत्री जनता को गुमराह करना बंद कर दें अन्यथा इसके गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहे। उन्होंने कहा कि हर्षवर्धन चौहान और उनके स्वर्गीय पिता ठाकुर गुमान सिंह ठाकुर ने कभी भी जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र के हितों की पैरवी नहीं की ।
यदि यह परिवार चाहता तो जिला सिरमौर के गिरिपार को वर्ष 1967 में ही जनजाति क्षेत्र का दर्जा मिल जाता। जब उत्तराखंड को यह दर्जा प्राप्त हुआ था लेकिन हर्षवर्धन चौहान द्वारा हमेशा ही वोट बैंक की राजनीति की है। मगर अब जनता जागरूक हो गई है और अब उनके झांसे में आने वाले नहीं हैं ।